जबलपुर, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) . Indian किसान संघ के अखिल Indian प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार से किसान संघ ने लैंड पुलिंग एक्ट व खेतों में स्थाई निर्माण को लेकर अपनी राय स्पष्ट करने का आग्रह किया गया. लेकिन आज दिवस तक कोई स्पष्टता सरकार द्वारा नहीं रखी गई.
Indian किसान संघ प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि सरकार की संवाद हीनता के चलते हमारे पास आंदोलन ही समाधान का एकमात्र रास्ता है. सरकार की उदासीनता के चलते हम यह निर्णय लेने मजबूर हैं कि 10 नवंबर को मालवा प्रांत के सभी जिला केंद्र पर लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ ज्ञापन दिया जाएगा. साथ ही 18 नवंबर को उज्जैन जिले में घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन अनिश्चित काल के लिए किया जाएगा.
कमलसिंह आंजना ने कहा कि अभी हाल ही में जब सरकार ने पीछे के रास्ते से गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आने वाले किसानों की जमीन अधिग्रहित करने राजपत्र में प्रकाशन करा दिया. साथ ही 1300 किसानों की आपत्ति के निराकरण के कोई दस्तावेज नहीं दिए जा रहे है और ना संभागायुक्त के यहां रिवीजन याचिका ली जा रही हैं जिसके बाद Indian किसान संघ ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए 17 गांवों के किसानों के बीच किसान संघ के अखिल Indian संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने दीपावली मिलन में स्पष्ट कहा कि सरकार जब तक लैंड पुलिंग कानून व सिंहस्थ में स्थाई निर्माण पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करेगी तब तक सिंहस्थ क्षेत्र में निजी भूमि पर निर्माण नहीं होने दिया जाएगा और किसानों की मातृशक्ति आगे आकर निर्माण कार्य करने से रोकेगी. इसी योजना के अनुसार 4 व 5 नवंबर को दीपदान व महाकाल महाराज को ज्ञापन दिया गया. 18 जिलों की मातृशक्ति ने आकर सिंहस्थ क्षेत्र के किसानों की जमीन छीनने से रोकने में बड़ा समर्थन दिया है जो परिणाम कारी होगा.
प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने बताया कि घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन के तहत उज्जैन के प्रशासनिक भवन में किसान परिवार घेरा डालेंगे और जब तक लैंड पुलिंग कानून की वापिसी का निर्णय नहीं हो जाएगा, तब तक वहीं रहेंगे. वहीं भोजन बनायेंगे वहीं खायेंगे और सोएंगे. जिसमें सभी किसान समाज, उनके परिवार जन, संत समाज, अन्य सभी जो भी किसानों को समर्थन करते हैं सभी हजारों की तादाद में शामिल होंगे.
किसानों में है भारी पीड़ा, आक्रोश व असंतोष
सरकार द्वारा किसानों की जमीने हथियाने की जल्दबाजी में किसानों के मन में गहरी पीड़ा, आक्रोश और असंतोष भर दिया है.
कमल सिंह आंजना ने कहा कि उज्जैन केवल एक शहर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा, विश्वास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है.
सिंहस्थ जैसे महाकुंभ का आयोजन पूरे विश्व को सनातन संस्कृति का संदेश देता है. किंतु विडंबना यह है कि उसी सिंहस्थ की तैयारी के नाम पर किसानों की जमीने हथियाने की जल्दबाजी ने आज मध्यप्रदेश के किसान समाज के मन को दुःखी कर दिया है.
लैंड पुलिंग का विरोध राजनीतिक मुद्दा नहीं
आंजना ने कहा कि लैंड पुलिंग कानून का विरोध राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह किसान के अस्तित्व, उसकी पीढ़ियों और उसके स्वाभिमान से जुड़ा प्रश्न बन चुका है और सबसे बड़ी बात-राष्ट्र की विचारधारा से जुड़ा Indian किसान संघ स्वयं सड़क पर उतरकर विरोध कर रहा है. यह स्थिति बताती है कि समस्या कहीं गहरी है और इसे समझने के लिए सरकार को संवेदनशीलता का परिचय देते हुए संवाद करने की आवश्यकता है.
—————
(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
You may also like

7 नवंबर 2025 कर्क राशिफल : आर्थिक लाभ से घर आएंगी खुशियां, पत्नी से तकरार संभव

Stocks to Buy: आज Redington और CCL Products समेत इन शेयरों से होगी कमाई, तेजी के सिग्नल

डोनाल्ड ट्रंप अगले साल आएंगे भारत! व्यापार वार्ता के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, PM मोदी की जमकर तारीफ

7 नवंबर 2025 वृषभ राशिफल: आज मनचाही सफलता से खुलेगी किस्मत, दूर होंगे पुराने मनमुटाव

Traffic Jam In Delhi: दिल्ली में आज लग सकता है भीषण ट्रैफिक जाम, इन रास्तों पर जाने से बचें दिल्लीवाले





