ऑल सीजन टेंट सिटी के साथ साहसिक गतिविधियों का रोमांच: अपर मुख्य सचिव शुक्ला
भोपाल, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश अब पर्यटन की दुनिया में नया अध्याय लिखने जा रहा है। यहां के घने जंगल, नदियों का सुकून और रोमांच से भरपूर गतिविधियां अब इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म के रूप में पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। प्रदेश के दो बड़े आयोजन, गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट को राज्य सरकार द्वारा इस साल खास अंदाज में तैयार किया गया है।
दरअसल, पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दी कि गांधीसागर और कूनो जैसे आयोजन केवल पर्यटन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर, सांस्कृतिक समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने वाले मंच साबित होंगे। यही वजह है कि गांधीसागर और कूनो अब इको-टूरिज्म और साहसिक पर्यटन के केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहे हैं।
गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट 12 सितंबर से
चंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम का बैकवाटर इलाका अब रोमांच का गढ़ बनने जा रहा है। यहां 12 सितंबर से गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण शुरू होगा। मंदसौर जिले में होने वाला यह आयोजन पहले ही देश-विदेश के सैलानियों का ध्यान खींच चुका है।
इस बार यहां 50 लग्जरी ऑल सीजन टेंट सिटी बनाई गई है, जहां पर्यटक आधुनिक सुविधाओं के बीच जंगल और नदी का रोमांच महसूस करेंगे। इसके अलावा पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्की, ज़ोरबिंग जैसी साहसिक गतिविधियां पर्यटकों का दिल जीतेंगी। बोट सफारी, बोट स्पा, जंगल सफारी और बटरफ्लाई गार्डन जैसे अनुभव भी पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ेंगे। वहीं, रॉक गार्डन और स्थानीय हस्तशिल्प पर आधारित कार्यशालाएं क्षेत्रीय संस्कृति को करीब से समझने का अवसर देंगी।
कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट 5 अक्टूबर से
श्योपुर जिले का कूनो राष्ट्रीय उद्यान, जहां हाल ही में चीता पुनर्वास का ऐतिहासिक क्षण देखा गया, अब इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक धरोहर का संगम प्रस्तुत करेगा। 5 अक्टूबर से कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट का दूसरा संस्करण यहां आयोजित होगा।
यहां 25 लग्जरी ऑल सीजन टेंट सिटी बनाई गई है। जंगल सफारी, नाइट वॉक और स्टार गेज़िंग जैसी गतिविधियां पर्यटकों को रोमांचक अनुभव देंगी। इसके साथ ही हॉट एयर बैलूनिंग, योग, ध्यान और वेलनेस सत्र से यह आयोजन वेलनेस टूरिज्म का नया केंद्र बनेगा। गांवों की झलक दिखाने वाले टूर, कला और शिल्प प्रदर्शन, लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां पर्यटकों को स्थानीय जीवनशैली से जोड़ेंगी। वहीं, चीता इंटरप्रिटेशन सेंटर इस आयोजन का खास आकर्षण होगा, जो प्रदेश की वन्यजीव धरोहर की पहचान को और मजबूत करेगा।
पर्यटन बोर्ड का फोकस
अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला का कहना है कि गांधीसागर और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट अनुभव-आधारित पर्यटन के शानदार उदाहरण हैं। यहां पर्यटक केवल घूमने नहीं आएंगे, बल्कि हर पल को जिएंगे। पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्की, जंगल सफारी, नाइट वॉक और स्टार गेज़िंग जैसी रोमांचक गतिविधियां उन्हें नए अनुभव देंगी। वहीं, योग और वेलनेस सत्र, स्थानीय व्यंजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रदेश की आत्मा से सीधा परिचय कराएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इन आयोजनों की रूपरेखा इस तरह तैयार की गई है कि पर्यटन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समुदायों की भागीदारी और सतत विकास को प्राथमिकता मिले।
उद्देश्य और लाभ
गांधीसागर और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट के पीछे केवल मनोरंजन का विचार नहीं है। इन आयोजनों का उद्देश्य प्रदेश को एडवेंचर और वेलनेस टूरिज्म के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करना है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आजीविका के नए अवसर पैदा होंगे। स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के साथ नई पीढ़ी में अपनी धरोहर और प्राकृतिक संपदा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि इन आयोजनों से प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ेगी। खासकर वे पर्यटक, जो रोमांच और प्रकृति को करीब से महसूस करना चाहते हैं, अब मध्य प्रदेश को अपनी प्राथमिक सूची में शामिल करेंगे।
प्रदेश की पहचान बनेगा एडवेंचर टूरिज्म
गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट जहां एडवेंचर टूरिज्म की पहचान मजबूत करेगा, वहीं कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट वेलनेस और वन्यजीव पर्यटन को नया आयाम देगा। यह पहल न केवल देशी पर्यटकों बल्कि विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करेगी। मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के अनुसार, यह आयोजन प्रदेश के लिए गर्व का विषय हैं। इन्होंने मध्य प्रदेश को नई पहचान दी है और आगे यह हमारी अर्थव्यवस्था और संस्कृति दोनों को नई दिशा देंगे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
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