जबलपुर, 26 मई . मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज (सोमवार को) जबलपुर के प्रवास पर आ रहे हैं. वे यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री जबलपुर में साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी द्वारा कैंसर रोगियों के लिये सेवा और उपचार के लिए स्थापित विराट हॉस्पिटल का अवलोकन करेंगे.
जनसम्पर्क अधिकारी एमएस उइके ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ यादव दोपहर 3:40 बजे नरसिंहपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा कोकिला रिसॉर्ट के समीप निर्मित हेलीपेड पर पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री दोपहर 3:55 बजे विराट हॉस्पिटल का अवलोकन करेंगे. इसके बाद वे 4:45 बजे राइट टाऊन स्थित श्री महिला गृह उद्योग लिज्जत पापड़ एवं शाम 5:30 बजे सेठ गोविंददास चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे तथा शाम 6:15 बजे स्टेट प्लेन द्वारा भोपाल प्रस्थान करेंगे.
विराट हॉस्पिस:- जबलपुर के समीप भेडाघाट मार्ग पर स्थित विराट हॉस्पिस किसी परिचय का मोहताज नहीं है. कैंसर से जंग हार चुके मरीजों की जीवन के अंतिम पड़ाव पर निःस्वार्थ भाव से देखभाल करने के इस प्रकल्प की स्थापना महिला संत साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने वर्ष 2013 में की थी. मानवता और समाज की सेवा के मजबूत इरादों के साथ ज्ञानेश्वरी दीदी द्वारा छोटे स्वरूप में प्रारंभ किया गया यह संस्थान आज बड़ा आकार ले चुका है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान भी स्थापित कर चुका है.
कैंसर मरीजों की जीवन के अंतिम समय में विराट हॉस्पिस में की जा रही देखभाल की ऐसे ही तारीफ नहीं की जाती, बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान यहां भेजा जाना इसका प्रमाण है. विराट हॉस्पिस में रहने वाले कैंसर मरीज जानते हैं कि किसी भी समय उनकी साँसों की डोर टूट सकती है, लेकिन इसके बावजूद उनके चेहरे पर यहां सेवाभाव से की जा रही देखभाल को लेकर संतोष देखा जा सकता है.
ज्ञानेश्वरी दीदी ने बताया कि शुरूआत में लगता था कि ऐसे कैंसर मरीजों की देखभाल कैसे की जा सकेगी, जिनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है, डॉक्टर भी जबाब दे चुके हैं और परिवार भी उनका साथ छोड़ चुका है. लेकिन लोगों, दानदाताओं और कॉरपोरेट कंपनियों के सहयोग से धीरे-धीरे सारी व्यवस्थाएं होती गई और पिछले करीब बारह वर्षों में ढाई हजार से अधिक कैंसर मरीजों की सेवा की जा चुकी हैं.
उन्होंने बताया कि विराट हॉस्पिस में कैंसर मरीजों को चाय, दूध, नास्ता और दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया जाता है. मरीज के परिवार के एक सदस्य को भी यहॉं रहने की अनुमति है. उसके भोजन आदि की व्यवस्था भी हॉस्पिस की ओर से की जाती है. भोजन पौष्टिक हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. भोजन पकाने में बायो गैस का इस्तेमाल किया जाता है. परिसर में उगाई गई आर्गेनिक सब्जियां ही भोजन में परोसी जाती हैं. परिसर स्थित गौशाला की गायों का दूध मरीजों को दिया जाता है.
साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने बताया कि करीब सवा तीन एकड़ में फैले विराट हॉस्पिटल का पूरा परिसर इको फ्रेंडली है. यहाँ सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं. यहां से निकला प्रदूषित पानी माँ नर्मदा में न मिले, इसके लिये यहाँ दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाये गये हैं. इनसे साफ किया गया पानी परिसर में लगे पेड़-पौधों की सिंचाई और निस्तार में इस्तेमाल किया जाता है.
तोमर
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