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चित की मलिन वृत्तियों का उन्मुलन ही उत्तम तप धर्म है : निवेश

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रामगढ़, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । श्री दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में श्री दिगंबर जैन मंदिर और रांची रोड स्थित पारसनाथ जिनालय में श्री दशलक्षण महापर्व अत्यन्त धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है। प्रातः काल से जैन श्रद्धालु जिनालय पहुंच कर श्रीजी के प्रति अपनी भक्ति समर्पित कर रहे हैं। बुधवार को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जैन समाज के अध्यक्ष राजेंद्र चुड़ीवाल ने बताया कि इच्छाओं के निरुद्ध को तप कहते हैं। विषय कषायों का निग्रह कर के बारह तपों में चित लगाना उत्‍तम तप धर्म है। धर्म के विषय में बोलते हुए श्री चूड़ीवाल ने दो महिला सदस्यों को उनके पांच दिवसीय व्रत पूर्ण होने पर सभी समाज की तरफ़ से अनुमोदना प्रकट की। तप धर्म के उपलक्ष्य में रामगढ़ जिनालियों में प्रथम अभिषेक का सौभाग्य सुभाष सेठी परिवार, अशोक जैन, अमित काला परिवार, जीवनमल जम्बू पाटनी परिवार, माणिकचंद पाटनी परिवार, रमेश जैन, विकास सेठी परिवार और योगेश जैन, निशा जैन सेठी परिवार को प्राप्त हुआ।

वहीं, शांतिधारा का सौभाग्य उषा अजमेरा परिवार और विद्या प्रकाश जैन, पद्मचंद जैन छाबड़ा परिवार को प्राप्त हुआ। वहीं, रांची रोड स्थित पारसनाथ जिनालय में जलाभिषेक और शांतिधारा का सौभाग्य हरकचंद जैन, विवेक जैन, विकास जैन अजमेरा परिवार को प्राप्त हुआ। वहीं, समाज के कोषाध्यक्ष सौरभ अजमेरा ने कहा कि कल महापर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की पूजा होगी। साथ ही श्री अजमेरा ने कहा कि पंडित निवेश शास्त्री और पार्श्व गायक नीलेश जैन के सान्निध्य में इस बार दशलक्षण पर्व में पूरे समाज में भक्ति की बयार बह रही है और कार्यकारिणि समिति का प्रत्येक सदस्य कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना संपूर्ण योगदान कर रहे हैं। उपरोक्त जानकारी जैन समाज के मीडिया प्रभारी श्रावण जैन ने दी।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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