हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना घर हो, लेकिन होम लोन (Home Loan) लेने से पहले यह समझना जरूरी है कि आपकी मासिक कमाई इस बोझ को उठाने के लिए पर्याप्त है या नहीं। गलत फैसला आपको सालों तक EMI के जाल में फंसा सकता है। आइए, जानते हैं कि कितनी कमाई होने पर आपको घर खरीदने का फैसला करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यह लेख आपके लिए एक गाइड की तरह काम करेगा, ताकि आप अपने सपनों का घर खरीदते समय आर्थिक तनाव से बच सकें।
होम लोन लेने से पहले कमाई का हिसाबहोम लोन की EMI आपके मासिक वेतन का एक बड़ा हिस्सा ले सकती है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आपकी मासिक EMI आपकी कुल मासिक आय (monthly income) का 40-50% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आपकी मासिक आय 50,000 रुपये है, तो आपकी EMI 20,000 से 25,000 रुपये के बीच होनी चाहिए। इससे आप बाकी खर्चों, जैसे किराया, बच्चों की फीस, और बचत, को भी आसानी से मैनेज कर सकते हैं। अगर EMI इससे ज्यादा है, तो आपकी वित्तीय स्थिति डगमगा सकती है, और आप कर्ज के बोझ तले दब सकते हैं।
कितनी कमाई पर ले सकते हैं होम लोन?होम लोन की पात्रता आपकी आय, उम्र, और क्रेडिट स्कोर (credit score) पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर, बैंक और वित्तीय संस्थान आपकी आय का 60-70 गुना तक लोन दे सकते हैं। अगर आपकी मासिक आय 1 लाख रुपये है, तो आप 60-70 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको इतना बड़ा लोन ले लेना चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोन की राशि ऐसी हो, जिसकी EMI आप आसानी से चुका सकें। इसके लिए, अपनी मासिक आय का कम से कम 2.5-3 गुना सालाना आय वाला लोन चुनें। उदाहरण के लिए, 50,000 रुपये मासिक आय वाले व्यक्ति को 15-18 लाख रुपये का लोन लेना चाहिए (home loan eligibility)।
EMI के साथ अन्य खर्चों का संतुलनहोम लोन की EMI चुकाने के साथ-साथ आपको अपने नियमित खर्चों और आपातकालीन जरूरतों के लिए भी बचत करनी होगी। अगर आपकी सारी कमाई EMI में चली जाएगी, तो आप अन्य जरूरी खर्चों, जैसे मेडिकल इमरजेंसी या बच्चों की पढ़ाई, के लिए तैयार नहीं रहेंगे। इसके लिए, एक बजट बनाएं और सुनिश्चित करें कि आपके पास EMI के बाद कम से कम 20-30% आय बचत या अन्य खर्चों के लिए बचे। साथ ही, लोन लेने से पहले 6-12 महीने की EMI के बराबर एक आपातकालीन फंड बनाएं। इससे अगर भविष्य में कोई आर्थिक संकट आता है, तो आप EMI चुकाने में सक्षम रहेंगे (financial planning)।
लोन की अवधि और ब्याज दर का असरहोम लोन की EMI को कम करने के लिए लोग अक्सर लंबी अवधि का लोन चुनते हैं, जैसे 20-30 साल। लेकिन लंबी अवधि का मतलब है कि आप कुल ब्याज में ज्यादा राशि चुकाएंगे। उदाहरण के लिए, 50 लाख रुपये के लोन पर 8% ब्याज दर (interest rate) के साथ 20 साल की अवधि में आपको लगभग 48 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाने पड़ सकते हैं। वहीं, 10 साल की अवधि में यह राशि 20 लाख रुपये के आसपास होगी। इसलिए, अपनी आय के आधार पर ऐसी अवधि चुनें, जो EMI को किफायती रखे और ब्याज का बोझ कम करे। साथ ही, फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों की तुलना करें और अपने बजट के हिसाब से सही विकल्प चुनें।
क्रेडिट स्कोर और डाउन पेमेंट का महत्वआपका क्रेडिट स्कोर होम लोन की ब्याज दर और स्वीकृति में अहम भूमिका निभाता है। 750 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर आपको कम ब्याज दर पर लोन दिला सकता है। इसके अलावा, लोन लेने से पहले कम से कम 20-30% डाउन पेमेंट (down payment) के लिए बचत करें। इससे लोन की राशि कम होगी, और EMI का बोझ भी हल्का रहेगा। उदाहरण के लिए, 50 लाख रुपये के घर के लिए 10-15 लाख रुपये का डाउन पेमेंट करके आप 35-40 लाख रुपये का लोन ले सकते हैं, जिससे EMI और ब्याज दोनों कम होंगे।
सही समय पर सही फैसलाअपने सपनों का घर खरीदना एक बड़ा और भावनात्मक फैसला है, लेकिन इसे जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। अपनी मासिक आय, मौजूदा खर्चों, और भविष्य की जरूरतों का हिसाब लगाएं। अगर आपकी आय EMI और अन्य खर्चों को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो थोड़ा इंतजार करें और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करें।
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