भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लंबे समय से चला आ रहा तनाव अब थमने की राह पर है। संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई है। यह फैसला तब आया है, जब सीमा पर ड्रोन हमले, गोलाबारी और तनावपूर्ण माहौल ने न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी थी। इस समझौते ने शांति की नई उम्मीद जगाई है। आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
अमेरिकी मध्यस्थता और ट्रंप का ट्वीट
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लंबी बातचीत के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम का रास्ता चुना। इस समझौते की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस कदम की सराहना की। उनके ट्वीट ने इस समझौते को वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया। ट्रंप ने इसे क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया, जिससे दोनों देशों के बीच शांति की संभावनाएं बढ़ी हैं।
भारत की शर्तों पर युद्धविराम
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में युद्धविराम की पुष्टि की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सीजफायर भारत की शर्तों पर लागू किया गया है। मिसरी ने बताया कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच दोपहर 3:35 बजे बातचीत हुई, जिसके बाद युद्धविराम शाम 5 बजे से प्रभावी हो गया। भारत ने अपनी मजबूत कूटनीति और सैन्य ताकत के दम पर यह सुनिश्चित किया कि समझौता उसकी शर्तों पर हो। यह कदम भारत की क्षेत्रीय प्रभावशीलता और शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 10, 2025
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