Next Story
Newszop

हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मौत, जानिए इस प्रक्रिया में क्या सावधानी जरूरी और किन्हें नहीं कराना चाहिए हेअर ट्रांसप्लांट

Send Push

image


H air transplant precautions : हाल ही में कानपुर जिले के पनकी प्लांट में सहायक इंजीनियर पद पर काम करने वाले विनीत दुबे की हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जान चली गई। विनीत गोरखपुर के रहने वाले थे। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद विनीत के पूरे चेहरे पर सूजन आ गई थी। तबियत ज्यादा खराब होने पर विनीत को कानपुर के एक बड़े अस्पताल में भर्ती किया लेकिन इंफेक्शन काफी बढ़ चुका था। पूरे शरीर में संक्रमण फैलने से उनकी मौत हो गई।

आजकल गंजेपन की समस्या आम होती जा रही है, और इससे निजात पाने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट एक लोकप्रिय विकल्प के तौर पर उभरा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सिर के पिछले हिस्से, जहां घने बाल होते हैं, वहां से बालों के रोम (hair follicles) निकालकर गंजेपन वाले क्षेत्र में प्रत्यारोपित कर दिए जाते हैं। सुनने में यह प्रक्रिया जितनी आसान लगती है, हकीकत में उतनी ही जटिल है और इसमें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। आइए, हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट क्या होता है ?
हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य गंजेपन या कम बालों वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक बालों को फिर से उगाना है। इस प्रक्रिया में सर्जन आपके सिर के उस हिस्से से बालों के रोम निकालते हैं जहां बाल घने होते हैं (डोनर एरिया) और उन्हें गंजे या पतले बालों वाले क्षेत्र (रेसिपिएंट एरिया) में प्रत्यारोपित करते हैं। प्रत्यारोपित बाल आमतौर पर प्राकृतिक बालों की तरह ही बढ़ते हैं और उन्हें काटा, धोया और स्टाइल किया जा सकता है।

कितने तरह का होता है हेयर ट्रांसप्लांट ?
मुख्य रूप से हेयर ट्रांसप्लांट दो तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है:
  • फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT): इस तकनीक में, सर्जन डोनर एरिया से त्वचा की एक पतली पट्टी निकालते हैं, जिसमें बाल होते हैं। फिर इस पट्टी से व्यक्तिगत बालों के रोमों को माइक्रोस्कोप की मदद से अलग किया जाता है और रेसिपिएंट एरिया में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया में डोनर एरिया पर एक छोटा सा निशान रह जाता है।
  • फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE): इस तकनीक में, सर्जन एक विशेष उपकरण का उपयोग करके डोनर एरिया से व्यक्तिगत बालों के रोमों को सीधे निकालते हैं। इसमें त्वचा की कोई पट्टी नहीं निकाली जाती है, इसलिए डोनर एरिया पर छोटे-छोटे बिंदु जैसे निशान ही पड़ते हैं, जो समय के साथ कम दिखाई देते हैं। FUE को FUT की तुलना में कम इनवेसिव माना जाता है।
ALSO READ:

किन लोगों को मिलता है हेयर ट्रांसप्लांट का फायदा ?
हेयर ट्रांसप्लांट उन लोगों के लिए एक प्रभावी समाधान हो सकता है जो निम्नलिखित समस्याओं से जूझ रहे हैं:
  • पुरुषों में पैटर्न बाल्डनेस (Male Pattern Baldness): यह गंजेपन का सबसे आम प्रकार है, जिसमें बाल एक विशिष्ट पैटर्न में झड़ते हैं।
  • महिलाओं में बालों का पतला होना (Female Pattern Hair Loss): महिलाओं में बाल आमतौर पर पूरे सिर पर पतले होते हैं।
  • चोट या सर्जरी के कारण हुए निशान पर बालों का न उगना।
  • कुछ खास तरह के एलोपेसिया (Alopecia) जिसमें बालों के रोम अभी भी जीवित हों।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर कोई हेयर ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं होता है। इसके लिए डोनर एरिया में पर्याप्त घने बाल होना जरूरी है।

हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना
हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है, इसलिए इसमें कुछ संभावित दिक्कतें और साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • सर्जरी के दौरान और बाद में दर्द और खुजली।
  • स्कैल्प में सूजन और लालिमा।
  • डोनर और रेसिपिएंट एरिया में खून बहना या पपड़ी जमना।
  • संक्रमण का खतरा।
  • प्रत्यारोपित बालों का अस्थायी रूप से झड़ना (शॉक लॉस)।
  • डोनर एरिया में सुन्नता या झुनझुनी।
  • असंतोषजनक परिणाम यदि सर्जन अनुभवी न हो या प्रक्रिया ठीक से न की जाए।
  • कुछ मामलों में प्रत्यारोपित बालों का ठीक से न बढ़ना।

किन लोगों को नहीं कराना चाहिए हेयर ट्रांसप्लांट ?
कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनमें हेयर ट्रांसप्लांट कराना उचित नहीं होता है, जैसे कि:
  • जिन लोगों के डोनर एरिया में पर्याप्त घने बाल न हों।
  • कुछ प्रकार के एलोपेसिया, जैसे एलोपेसिया एरीटा (Alopecia Areata), जिसमें बाल अनियमित रूप से झड़ते हैं।
  • अनियंत्रित मधुमेह या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं।
  • खून के थक्के जमने की समस्या वाले लोग।
  • जो लोग प्रक्रिया से अवास्तविक उम्मीदें रखते हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या होता है ?
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ दिनों तक आपको सूजन, दर्द और खुजली महसूस हो सकता है, जिसके लिए दवाएं दी जाती हैं। प्रत्यारोपित बालों को छूने या धोने के लिए विशेष निर्देश दिए जाते हैं। कुछ हफ्तों के भीतर, प्रत्यारोपित बाल झड़ सकते हैं, जिसे "शॉक लॉस" कहा जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके बाद नए बाल उगना शुरू होते हैं। आमतौर पर, हेयर ट्रांसप्लांट के पूर्ण परिणाम दिखने में 6 से 12 महीने लग सकते हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट करवाते समय क्या ध्यान रखना चाहिए ?
हेयर ट्रांसप्लांट करवाने का निर्णय लेने से पहले निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना जरूरी है:
  • एक अनुभवी और योग्य सर्जन का चयन करें: सर्जन की विशेषज्ञता और अनुभव सफलता की दर को काफी प्रभावित करते हैं। उनकी क्रेडेंशियल, अनुभव और पहले किए गए ट्रांसप्लांट के परिणाम जरूर देखें।
  • क्लिनिक की साफ-सफाई और सुरक्षा मानकों की जांच करें।
  • प्रक्रिया, संभावित जोखिमों और लागत के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
  • अपनी चिकित्सा इतिहास और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के बारे में सर्जन को बताएं।
  • प्रक्रिया से अपनी वास्तविक अपेक्षाएं रखें।
  • सर्जरी के बाद सर्जन द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
हेयर ट्रांसप्लांट गंजेपन की समस्या का एक प्रभावी समाधान हो सकता है, लेकिन यह एक गंभीर चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें सावधानी बरतना और सही जानकारी प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जल्दबाजी में या बिना सोचे-समझे लिया गया निर्णय निराशाजनक परिणाम दे सकता है। इसलिए, हमेशा एक योग्य पेशेवर से सलाह लें और सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही आगे बढ़ें।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।



Loving Newspoint? Download the app now